योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री, एक संन्यासी और कुशल राजनेता के रूप में जाने जाते हैं। उनका जीवन संघर्ष, समर्पण और हिंदुत्व की विचारधारा से प्रेरित है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के इस अग्निमय नेता ने अपने दम पर उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया अध्याय लिखा है। आइए, उनकी जीवनी को विस्तार से जानते हैं, जिसमें तालिकाएँ और इमोजी उनके जीवन के रंगों को और जीवंत बनाएंगे।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा 🎓
योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के पंचुर गांव में एक गढ़वाली राजपूत परिवार में हुआ था। उनका मूल नाम अजय सिंह बिष्ट था। उनके पिता आनंद सिंह बिष्ट एक फॉरेस्ट रेंजर थे, और माँ सावित्री देवी एक गृहिणी। सात भाई-बहनों में दूसरे नंबर के योगी को बचपन में सादगी और अनुशासन का पाठ पढ़ाया गया।
उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय स्कूलों से पूरी की और बाद में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित में बीएससी की डिग्री हासिल की। पढ़ाई के दौरान ही उनकी रुचि सामाजिक कार्यों और हिंदुत्व की ओर बढ़ी। 1990 के दशक में वे राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े और संन्यास की राह पर चल पड़े।
विवरण | जानकारी |
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जन्म | 5 जून 1972, पंचुर, उत्तराखंड |
मूल नाम | अजय सिंह बिष्ट |
माता-पिता | आनंद सिंह बिष्ट, सावित्री देवी |
शिक्षा | बीएससी (गणित) |
संन्यास और हिंदुत्व का रास्ता 🕉️
1993 में, 21 साल की उम्र में, अजय ने घर छोड़ दिया और गोरखपुर के गोरखनाथ मठ में अपने गुरु महंत अवैद्यनाथ के शिष्य बन गए। 1994 में उन्होंने औपचारिक रूप से संन्यास लिया और नाम रखा गया योगी आदित्यनाथ। उनके गुरु ने उन्हें हिंदुत्व और सामाजिक सेवा का मार्ग दिखाया। 2014 में गुरु के निधन के बाद वे गोरखनाथ मठ के महंत बने।
योगी ने 2002 में हिंदू युवा वाहिनी की स्थापना की, जो एक हिंदू राष्ट्रवादी संगठन था। यह संगठन पूर्वी उत्तर प्रदेश में उनकी लोकप्रियता का आधार बना, हालाँकि इसे सांप्रदायिक हिंसा से जोड़कर विवाद भी हुआ। उनकी छवि एक कट्टर हिंदुत्ववादी नेता की बन गई।
राजनीतिक सफर: लोकसभा से मुख्यमंत्री तक 🗳️
योगी ने 1998 में बीजेपी के टिकट पर गोरखपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और मात्र 26 साल की उम्र में सांसद बन गए। वे 12वीं लोकसभा के सबसे युवा सांसद थे। इसके बाद उन्होंने 1999, 2004, 2009 और 2014 में भी यह सीट जीती। संसद में वे हिंदुत्व, गौ-रक्षा और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर मुखर रहे।
2017 में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल की, और योगी को 19 मार्च 2017 को मुख्यमंत्री बनाया गया। 2022 में वे फिर से गोरखपुर शहरी सीट से विधायक चुने गए और दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। वे उत्तर प्रदेश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने लगातार दो पूर्ण कार्यकाल संभाले।
कार्यकाल | पद | प्रमुख उपलब्धि |
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1998-2017 | सांसद (गोरखपुर) | हिंदुत्व और विकास के मुद्दे उठाए |
2017-2022 | मुख्यमंत्री (पहला) | कानून-व्यवस्था, बुलडोजर नीति |
2022-वर्तमान | मुख्यमंत्री (दूसरा) | इन्फ्रास्ट्रक्चर, माफिया पर कार्रवाई |
मुख्यमंत्री के रूप में योगदान 🚜
योगी के शासन में उत्तर प्रदेश में कई बदलाव देखे गए। उनकी नीतियों को “बुलडोजर बाबा” की उपाधि मिली, जो अवैध निर्माण और अपराधियों के खिलाफ सख्ती का प्रतीक बनी। उनके प्रमुख योगदान:
- कानून-व्यवस्था 🚨: अपराधियों पर नकेल और त्वरित न्याय के लिए फास्ट-ट्रैक कोर्ट शुरू किए।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर 🛤️: जेवर हवाई अड्डा, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और मेट्रो विस्तार जैसे प्रोजेक्ट।
- आर्थिक विकास 💰: जीएसडीपी 2017 के 11.4 लाख करोड़ से 2024 में 22 लाख करोड़ तक पहुँचा।
- सामाजिक कल्याण 👩🏫: हर घर बिजली, उज्ज्वला योजना और किसानों के लिए कर्ज माफी।
हालाँकि, उनकी नीतियों की आलोचना भी होती है। विपक्ष का आरोप है कि अल्पसंख्यकों और दलितों के खिलाफ भेदभाव बढ़ा है।
व्यक्तिगत जीवन: सादगी और समर्पण 💛
योगी अविवाहित हैं और संन्यासी जीवन जीते हैं। वे भगवा वस्त्र पहनते हैं और गोरखनाथ मठ में रहते हैं। उनके परिवार में माता-पिता और छह भाई-बहन हैं। 2020 में उनके पिता का निधन हुआ, लेकिन कोविड लॉकडाउन के कारण वे अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके। वे पशु प्रेमी हैं और मठ में गायों की देखभाल करते हैं।
विवाद और आलोचनाएँ ⚡
योगी के करियर में कई विवाद रहे:
- 2007 में गिरफ्तारी: गोरखपुर में सांप्रदायिक तनाव के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया।
- भड़काऊ भाषण: “अगर वे एक को मारेंगे, तो हम दस को मारेंगे” जैसे बयानों पर आलोचना हुई।
- लव जिहाद कानून: इसकी संवैधानिकता पर सवाल उठे।
फिर भी, उनके समर्थक उन्हें “हिंदुओं का मसीहा” मानते हैं।
उपलब्धियाँ और भविष्य 🔮
योगी को 2023 और 2024 में इंडियन एक्सप्रेस की सबसे शक्तिशाली हस्तियों की सूची में क्रमशः 5वाँ और 6वाँ स्थान मिला। 2025 में उनकी बायोपिक “अजेय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी” रिलीज होने वाली है। कई लोग उन्हें भविष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराधिकारी के रूप में देखते हैं।
योगी आदित्यनाथ की कहानी एक संन्यासी से सियासी सिकंदर बनने की है। उनकी अगली पारी क्या होगी? यह समय बताएगा। 🌍